Vid Id - 02 Video Title - [LECTURE-2] - LECTURE-2 (Master) master [480] .mkv

फोरेक्स मार्किट : ये दुनिया की सबसे बड़ी मार्किट होती है। इसके अंदर per day 6 से 10 trillion डॉलर का ट्रेडिंग वॉल्यूम रहता है। इसमें किसी एक कंट्री की इन्वेस्टमेंट नहीं होती ये ग्लोबल मार्किट होती है। इसके अंदर जितनी भी दुनिया में कन्ट्रीज हैं। उन सबके बड़े बड़े लोग इन्वेस्ट करते हैं। बड़े लोग यानी commercial banks, institutionals, और बड़े बड़े hedge funds, और prop firms, तो ये सारे के सारे चीज़ें होती हैं forex के अंदर जिनसे बड़े बड़े मूव generate होते हैं। और वो सिर्फ और सिर्फ इसलिए होते हैं क्यूंकि इनके अंदर वॉल्यूम बहोत ज्यादा होता है। और उनका कारण यही सब लोग होते हैं। देखो इतना सारा वॉल्यूम किसी भी स्टॉक मार्किट में नहीं होता क्यूंकि वहां billions of dollars में होता है वो भी कभी कभी होता है। इंडियन मार्किट में हर दिन नहीं होता billions of dollars में, कभी कभी होता है। लेकिन अगर बात करें forex की तो उसके अंदर trillions ऑफ़ dollars डेली इन्वेस्ट होते हैं। यानी की आप कह सकते हैं की thosands of trillions of dollars per year का वॉल्यूम होता है इसके अंदर। यानी की बहोत ही बड़ी मार्किट हैं। 

ये एक decentralized मार्किट है। यानी की इसको कोई भी कण्ट्रोल नहीं कर सकता, क्रिप्टो की तरह। 

इसके अंदर वॉल्यूम तो होता ही है साथ ही volatility भी बहोत ज्यादा होती है। एकदम से बड़े बड़े spikes और बड़े बड़े moves देखने को मिलते हैं। 

ये 24 hrs चलती है monday to friday तक। इसके अंदर छह, छह घंटे की sessions होते हैं। जैसे स्टार्ट होता है sydney से फिर tokyo फिर london फिर new york, ये चार सेशन के अंदर मार्किट घूमती है जैसे ही एक सेशन ख़त्म होता है, या ओवरलैप होता है यानी की ख़त्म होने से पहले ही सुरु हो जाता है। 

और overlaping के टाइम पे ही बड़े बड़े मूव्स CPI data जो की बहोत इम्पोर्टेन्ट होता है वो रिलीज़ होता है। तो ये फोरेक्स मार्किट है। 

इसके अंदर options नहीं होते हैं। इसके अंदर सिर्फ future, spot, और free margin होता है। यानी की आप leverage based ट्रेडिंग कर सकते हैं यानी की आप अपने अमाउंट से ज्यादा इन्वेस्ट कर सकते हैं। 

forex के अंदर सबसे important instrument होता है commodities के अंदर जिसे हम लोग gold बोलते हैं। gold को एक pair के साथ लिखा जाता है just like gold usd, गोल्ड का फोरेक्स के अंदर नाम है XAU/USD इसी तरीके से हम सिल्वर को XAG/USD  बोलते हैं। ये basically इनके नाम दिए गए हैं ताकि forex के pair को बनाया जा सके। फोरेक्स कभी भी सिंगल नहीं होता है जैसे की हमारा nifty है, banknifty है। ये singles हैं लेकिन forex कभी भी single नहीं होता है। यहाँ पे आपको एक currency के साथ दूसरी currency के derivatives में trading करनी पड़ती है। जैसेकि - JPY/USD , EUR/USD , GBP/USD , USD/CHf , USD/CAD

इसी तरह से USD/INR इंडिया का रूपए , अमेरिका का डॉलर। इस तरीके से पेयर्स  होते हैं। ऐसी कई सारे पेयर्स होते हैं अनगिनत जितने भी countries हैं सबके पेयर्स होते हैं। depend करता है किसके अंदर कितना अच्छा वॉल्यूम है उसके अंदर उतना अच्छा move आता है। तो आप मेजर पेयर्स की तरफ जाओ जैसेकि - JPY/USD , EUR/USD , GBP/USD , USD/CHf , USD/CAD and then, gold, silver, US Oil, cruid oil, ये सारी की सारी चीज़ें आपकी मेजर्स में आती है। ज्यादातर ट्रेडिंग इन्हीं सबके अंदर होती है बाकी सारे आपके माइनर पेयर्स होते हैं। जिनके अंदर वॉल्यूम बहोत ही कम होता है। just like USD/INR इसके अंदर भी वॉल्यूम बहोत ही कम होता है। आप अगर मार्किट देखोगे कम time frame पे तो आपको नजर आ जाएगा की वॉल्यूम बहोत कम होता है और मार्किट बहोत काम मूव करती है। 

Crypto मार्किट : Crypto की मार्किट basicallly क्रिप्टो कर्रेंसीज़ के ऊपर depend करती है। यहाँ पर भी फोरेक्स की तरह ही पेअर होते हैं। जैसे Bitcoin/USD , Ethereum/USD , इसी तरीके से बहोत सारे कोइन्स होते हैं। जहाँ पर ट्रेडिंग की जाती है। same to same फोरेक्स की तरह ही यह भी होता है। तो यहाँ पर भी हम लोग किसी भी कॉइन के ऊपर हम लोग इन्वेस्ट कर सकते हैं। ये जो कोइन्स होते हैं ये basically blockchain पर चलते हैं। यानी की इनका भी एक अलग नेटवर्क होता है। ये भी एक decentralized मार्किट है। 

Cryptocurrencies के अंदर basically सारा का सारा सबकुछ same होता है। की अगर आप फोरेक्स ब्रोकर हो उसके अंदर भी क्रिप्टो स्पॉट है तो आप ट्रेड कर सकते हो कोई दिक्कत नहीं है। तो आप futures में भी कर सकते हो। और आज के टाइम में तो क्रिप्टोस के अंदर भी ऑप्शंस आ चुके हैं। तो वो तो एक रिस्की एरिया है वहां पर जाने की आपको जरुरत नहीं है। आप स्पॉट में भी अच्छे तरीके से समझ के अच्छा ख़ासा पैसा वहां से बना सकते हो। अगर आपको knowledge आ जाती है। अगर enhance आप अपनी प्रैक्टिस के जरिये कर लेते हो। 

So, crypto currencies में ज्यादा इतना कुछ नहीं है। बस आप यही समझिये की वहां पर  भी स्पॉट फ्यूचर और फ्री मार्जिन होते हैं लिवरेज भी मिलती है। और same to same वही इंटरफ़ेस होता है। वहां पर ब्रोकर्स का जो की आपका फोरेक्स के अंदर होता है। बस ये होता है की अगर आप crypto currencies को एक के साथ दुसरे में ट्रांसफर करते हैं तो आपको एक ब्लॉकचैन के through transfer करना होता है। उसके लिए एक अलग blockchain address दिया जाता है जो की कम से कम 16 से 28 डिजिट का होता है वो आपको कॉपी पेस्ट करके डालना होता है। और वो अगर थोड़ा सा भी गलत हो गया तो आपके फंड्स गायब भी हो सकते हैं। उसके लिए एक अलग से फीस लगती है जिसे हम गैस फी बोलते हैं। ये सब बहोत अलग चीज़ है ये सब आपको कभी use नहीं होने वाली है। ये सब चीज़ें बस आप ट्रेडिंग के लिए पर्पस से बैठो की हाँ ये क्रिप्टो कर्रेंसीज़ की मार्किट है एंड यहाँ पर डिजिटल कोइन्स होते हैं। justlike Bitcoin, Ethereum, Light coin, dodge coin, solana, ये सब होता है। इनके नेटवर्क्स होते हैं। जैसे की Ethereum को हम ERC 20 कहते हैं। Tron को हम TRC 20 कहते हैं। USDT को हम USDT 20 कहते हैं। तो इस तरीके से हमारे कई सारे होते हैं। इसे हम tetherus बोलते हैं। basically इन सब में सबसे महंगा बिटकॉइन का नेटवर्क होता है। और सबसे सस्ता Tron का नेटवर्क होता है। ऐसे ही बहोत सारे हैं आने वाले समय में और भी आ जाएंगे।


Post a Comment

Previous Post Next Post

Popular Items